Sunday, 30 August 2015

TAJA KHABAR...BREAKING NEWS....लाइव इंडिया' समूह की कंपनी 'समृद्धि जीवन' के फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच के आदेश

लाइव इंडिया' समूह की कंपनी 'समृद्धि जीवन' के फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच के आदेश
मीडिया जगत की एक बड़ी खबर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने लाइव इंडिया चैनल, अखबार और मैग्जीन को संचालित करने वाली कंपनी समृद्धि जीवन के काले कारनामों की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दे दिया है. इस आदेश के बाद लाइव इंडिया मीडिया समूह और समृद्धि जीवन कंपनी में शीर्ष स्तर के पदाधिकारियों में हड़कंप है. ज्ञात हो कि ये वही समृद्धि जीवन समूह नामक कंपनी है जिसके मालिकों ने अपने लाइव इंडिया न्यूज चैनल पर अपने घर के शादी-बारात के आयोजन का लाइव टेलीकास्ट लगातार कराया था. इसको लेकर जब सवाल और बवाल हुआ तो चैनल के तत्कालीन एडिटर इन चीफ एनके सिंह ने अपनी टीम के साथ इस्तीफा दे दिया था.

उन दिनों एनके सिंह ने भी प्रबंधन से कहा था कि वह घटिया हरकत न करे और शादी ब्याह के निजी कार्यक्रम को न्यूज चैनल पर लाइव प्रसारण न करे. पर जनता को भरमा कर ठग कर चिटफंड के जरिए उगाहे गए हजारों करोड़ रुपये की गर्मी से गरम प्रबंधन की सेहत पर कोई फरक नहीं पड़ा. अंततः जब एनके सिंह और उनकी टीम ने इस्तीफा दे दिया तो पुणे स्थित समृद्ध जीवन कंपनी ने अपने पुराने संपादक सतीश के. सिंह को याद किया. कई चैनलों में कुछ कुछ दिनों तक वक्त काटने के बाद पैदल होते रहने वाले सतीश के. सिंह ने भी मौके की नजाकत और मार्केट की हालत को समझते हुए लाइव इंडिया में तत्काल एडिटर इन चीफ के रूप में पद संभाल लिया. सूत्रों का कहना है कि समृद्धि जीवन के मालिकों ने सतीश के. सिंह को क्राइसिस मैनेजमेंट के काम में लगा दिया है. देखना है कि लाइव इंडिया चैनल चलाने वाले समृद्धि जीवन नामक चिटफंडियों को सुप्रीम कोर्ट व सीबीआई के डंडे से कोई राहत दिला पाता है या नहीं. माना जा रहा है कि यह ग्रुप देर सबेर भरभरा कर गिर जाएगा और इसके मीडिया उपक्रमों पर भी ताला लग जाएगा.

प्रकरण कुछ यूं है कि सुप्रीम कोर्ट में आलोक जेना ने शारदा चिटफंड केस में जो पीआईएल फाइल कर रखा है उसकी अंतिम सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वह चिटफंड और आर्थिक अपराध से जुड़ी 44 कंपनियों को भी जांच के दायरे में ले आए और फास्ट ट्रैक मैनर से इनवेस्टीगेट करे. इन 44 कंपनियों में समृद्धि जीवन ग्रुप की दो बड़ी कंपनियां शामिल हैं. इनके नाम हैं.. [B]M/S Samruddha Jeevan Multi State Multipurpose Cooperative Society Limited [/B]और [B]Samruddha Jeevan Foods India Pvt. Limited[/B].

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है-

''In view of inter state ramifications, involvement of higher ups including politicians and aspects of money laundering, a CBI probe is necessary. Moreover  It's not as if the state police has not done a good job of filing chargesheet. To inspire confidence in the investors, we're handing over the probe to the CBI. All cases registered in West Bengal, Assam, Tripura and Odissa to be handed over to the CBI. This will not impact the commission of enquiry set up by the state govt. The money trail needs to be traced, the conspiracy angle needs to be probed properly. Not much headway has been made so far. Moreover court also order the probe of cbi in matter related to the chit fund companis of orissa.''

Court oder CBI to Investigate the Whole Matter and club the Whole Matter And investigate in Fast Track Manner.... In its last and final hearing in the PIL filed by Alok Jena, the apex court bench insisted on the addition of seven companies,  suggested by the petitioner, to the list of 37 companies that the state government was willing to be These seven companies suggested by the petitioner include Seashore and Artha Tatwa- chit fund companies which are currently being  probed by the Crime Branch. The court had dismissed the contention of the senior counsel for Odisha government Gopal Subramaniam that  investigation of these seven companies need not be handed over to the CBI because the state Crime Branch was already conducting a thorough probe on them.

Here is the full list of companies that would come under the CBI scanner as soon as the court passes a formal order in the case : [B]M/S Samruddha Jeevan Multi State Multipurpose Cooperative Society Limited, Samruddha Jeevan Foods India Pvt. Limited[/B], M/S Sai P, M/S sai Prakash Finance Advisory Service Pvt. Limited, M/S Sai Prakash Properties Development Limited, M/S Shine India Group of Companies, Artha Tatwa Group, Adarsha Groups, Seashore, ABC Indya, Safex India Pvt. Ltd., Swastik India Multi State Credit Co-Operative, Nabadiganta Capital Service Limited, M/S Saradha Groups of Companies, M/S Golden Land Developres Groups of Companies, M/S S.R. Green House Limited, M/S Essore Developers, M/S Tower Infotech Limited, M/S Zodiac Foundation Companies, M/S Real Tulip India Limited, M/S Remac Reality India Limited, M/S Midas Touch Group of Companies, M/S Ramel Industries Limited, M/S Prayag Groups of Companies, M/S Rose Valley Group of Companies, M/S Silicon Preject India Limited, M/S Asha Agro Ecomotors Industries Limited, M/S Akhaya Gold Farms & Villas India Limited, M/S Astha International Limited, M/S Nirmal Infra Home Corporation Limited, M/S Mangaldeep Land Promoters Limited, M/S Infinity Realcon Pvt. Limited, M/S Surha Sun Marg Micro Finance Limited, M/S Rightmax Technotrade International Limited, M/S Sastra Enterprise Limited, M/S Micro Finance Pvt. Limited, M/S Real Foundation Company, M/S Green ray Group of Companies, M/S Real Alliance Estates Pvt. Limited, M/S Wetell Cap Solutions Pvt Limited, M/S Jana Mangala Agro Care Company, M/S Green India Infra Projects Limited, M/S Mangnum Group, M/S I-Care E Service Limited.

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