पुलिस को चाहिए Samruddha Jeevan के जब्त कम्प्यूटरों के पासवर्ड
रांची। तीन साल में तीन गुनी राशि करने का दावा करनेवाली कंपनी के रांची, गुमला व लोहरदगा स्थित कार्यालय में पुलिस की टीम ने भले ही छापमारी पूरी कर ली हो, लेकिन जालसाजी कितने की हुई है, इसका खुलासा नहीं हो सका है।
जालसाजी करोड़ों में बताई जा रही है। कितने ग्रामीण इनकी जाल में फंसे, इसका आकलन किया जा रहा है। सही खुलासा तभी होगा, जब इस कंपनी के दफ्तर से जब्त कंप्यूटर खुलेंगे। छापामारी में शामिल पुलिस पदाधिकारियों ने कंप्यूटर खोलने का प्रयास तो किया, लेकिन पासवर्ड के कारण यह नहीं हो सका।
कंपनी समृद्धि जीवन मल्टी परपस को-ऑपरेटिव सोसाइटी है, जो विभिन्न नामों से जालसाजी का कारोबार कर रही थी। रांची में ओवरब्रिज के समीप स्थित कार्यालय से समृद्धि जीवन फूड्स इंडिया लिमिटेड के नाम से कई कर्मियों के पहचान पत्र भी मिले हैं। सत्यापन का काम चल रहा है। दूसरे दिन भी इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सका था। न किसी को हिरासत में लिया गया था। रांची में कंपनी की एक महिला अधिकारी सीमा वर्मा आई थीं और स्टेशन रोड स्थित होटल बीएनआर चाणक्या में ठहरी थीं। वह जांच टीम के साथ में ही थीं, लेकिन इसके बाद कहां गईं, यह किसी को जानकारी नहीं।
यह कंपनी ग्रामीणों को बताती थी कि वह बकरी व गाय पालन का कारोबार करती है। यह कंपनी पुणे की है। इसके बड़े-बड़े फार्म हैं, जहां पशुओं का पालन-पोषण होता है। कंपनी ने ग्रामीणों को बताया कि उनके पास जितने भी पैसे हैं, वे उनकी कंपनी में निवेश कर दें। बकरी व गाय पालन में मिलने वाले तीन गुना लाभ उन तक सीधे पहुंचेगा। इस तरह ग्रामीण उनके चंगुल में फंस गए।http://www.complaintboard.in/complaints-reviews/samruddha-jeevan-foods-india-ltd-l186491.html
रांची। तीन साल में तीन गुनी राशि करने का दावा करनेवाली कंपनी के रांची, गुमला व लोहरदगा स्थित कार्यालय में पुलिस की टीम ने भले ही छापमारी पूरी कर ली हो, लेकिन जालसाजी कितने की हुई है, इसका खुलासा नहीं हो सका है।
जालसाजी करोड़ों में बताई जा रही है। कितने ग्रामीण इनकी जाल में फंसे, इसका आकलन किया जा रहा है। सही खुलासा तभी होगा, जब इस कंपनी के दफ्तर से जब्त कंप्यूटर खुलेंगे। छापामारी में शामिल पुलिस पदाधिकारियों ने कंप्यूटर खोलने का प्रयास तो किया, लेकिन पासवर्ड के कारण यह नहीं हो सका।
कंपनी समृद्धि जीवन मल्टी परपस को-ऑपरेटिव सोसाइटी है, जो विभिन्न नामों से जालसाजी का कारोबार कर रही थी। रांची में ओवरब्रिज के समीप स्थित कार्यालय से समृद्धि जीवन फूड्स इंडिया लिमिटेड के नाम से कई कर्मियों के पहचान पत्र भी मिले हैं। सत्यापन का काम चल रहा है। दूसरे दिन भी इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया जा सका था। न किसी को हिरासत में लिया गया था। रांची में कंपनी की एक महिला अधिकारी सीमा वर्मा आई थीं और स्टेशन रोड स्थित होटल बीएनआर चाणक्या में ठहरी थीं। वह जांच टीम के साथ में ही थीं, लेकिन इसके बाद कहां गईं, यह किसी को जानकारी नहीं।
यह कंपनी ग्रामीणों को बताती थी कि वह बकरी व गाय पालन का कारोबार करती है। यह कंपनी पुणे की है। इसके बड़े-बड़े फार्म हैं, जहां पशुओं का पालन-पोषण होता है। कंपनी ने ग्रामीणों को बताया कि उनके पास जितने भी पैसे हैं, वे उनकी कंपनी में निवेश कर दें। बकरी व गाय पालन में मिलने वाले तीन गुना लाभ उन तक सीधे पहुंचेगा। इस तरह ग्रामीण उनके चंगुल में फंस गए।http://www.complaintboard.in/complaints-reviews/samruddha-jeevan-foods-india-ltd-l186491.html
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