Monday, 31 August 2015

CAUTION TO INVESTORS FROM STAY ALERT FROM THESE COMPANIES

सेबी ने गैरकानूनी योजनाओं के प्रति आगाह किया, 63 कंपनियों की सूची जारी मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड :सेबी: ने शुक्रवार को निवेशकों तथा आम लोगों को धन जुटाने की गैरकानूनी योजनाओं के प्रति आगाह करते हुए कहा कि वे इन इकाइयों के ऊंचे रिटर्न के वादे के लालच में न आएं।  नियामक ने धन जुटाने की अवैध योजनाएं चलाने वाली 63 कंपनियों की सूची भी सार्वजनिक की है।  इससे पहले सेबी ने दिसंबर, 2014 में ऐसी 51 इकाइयों के नाम सार्वजनिक किए थे। सेबी ने यह चेतावनी इसलिए जारी की है, क्योंकि ऐसे मामले सामने आएं हैं जबकि कुछ इकाइयां गैरकानूनी निवेश योजनाओं के जरिये अभी भी धन जुटा रही हैं, जबकि नियामक ने उनसे और धन न जुटाने व कोई नई योजना पेश नहीं करने का निर्देश दिया है। Source Link - www.sebi.gov.in  S.No. Case Name Date of SEBI Order 1 Sunplant Agro Ltd 03-05-2011 2 NGHI 06-11-2012 3 MPS Greenery 06-12-2012 4 Nicer Green Forest Ltd 12-03-2013 5 Maitreya Services Pvt. Ltd 25-03-2013 6 Osian's Connoissurers of Art Ltd 15-04-2013 7 Saradha Realty India Ltd 23-04-2013 8 Alchemist Infra Realty Ltd 21-06-2013 9 Sumangal Industries Ltd 09-07-2013 10 HBN Dairies & Alled Ltd 12-07-2013 11 Sai Prasad Foods Ltd. 17-07-2013 12 Sai Prasad Properties Ltd 17-07-2013 13 Maitreya Plotters & Structures Pvt. Ltd 30-08-2013 14 Samruddha Jeevan Foods India Ltd 31-10-2013 15 Servehit Housing & Infrastructure  India Ltd 31-10-2013 16 Orient Resorts (India) Pvt. Ltd 26-11-2013 17 Green  Ray International Limited 03-02-2014 18 Royal Twinkle Star Club Ltd. 07-03-2014 19 Peers Allied Corportaion Ltd 23-04-2014 20 Green Buds Agro Farm I Ltd 16-05-2014 21 M/s. KBCL India Ltd 26-05-2014 22 Adel Landmarks Ltd (Era Landmarks Ltd) 05-06-2014 23 JSR Dairies Ltd 05-06-2014 24 Nikhara Bharath Construction Company Ltd. 12-06-2014 25 Haldhar Realty and Enterprises Ltd 17-06-2014 26 Rose Valley Real Estate & Constructions Ltd. 18-06-2014 27 Beetal Livestocks & Farms (Pvt) Ltd 25-06-2014 28 Ramel Industries Ltd 11-07-2014 29 Remac Realty India Ltd 15-07-2014 30 Sunshine Agro Global Ltd (Sunshine Forestry Pvt. Ltd) 15-07-2014 31 Ally Multi-Trade India Pvt. Ltd. 22-07-2014 32 Sai Prasad Corporation Ltd 22-07-2014 33 Nicer Green Housing and Infrastructure Developers Ltd 28-07-2014 34 Dhanolty Developers Ltd 30-07-2014 35 JSV Developers India Ltd. 31-07-2014 36 HNC Infrastructures and Shares India Ltd 05-08-2014 37 Shubham Kroti Foods Pvt. Ltd 08-08-2014 38 Viswas Real Estates and Infrastructure India Ltd 08-08-2014 39 IHI Developers India Ltd 11-08-2014 40 PACL 22-08-2014 41 Step Up Marketing Pvt. Ltd. 22-08-2014 42 SPNJ Land Projects and Developers India Ltd 17-09-2014 43 G N Dairies Limited 31-10-2014 44 Sheen Agro and Plantation Ltd 14-11-2014 45 Garima Real Estate and Allied Ltd. 24-11-2014 46 Raghav Capital & Infrastructure Ltd. 24-11-2014 47 Shree Sai Space Creation Ltd 24-11-2014 48 Arise Bhoomi Developers Ltd 02/12/2014 49 Sai Multi Services (Prop. Sanjay B Tenginkai) 02/12/2014 50 Vee Realties India Limited 02/12/2014 51 Kim Infrastructure & Developers  Ltd 08-12-2014 52 KMJ Land Developers India Ltd 09/12/2014 53 Kalbut Real Estate Ltd 10/12/2014 54 Wisdom Agro Tech India Ltd 10/12/2014 55 Blessing Agro Farm India Ltd 15/12/2014 56 Skylark Land Develpers Ltd 15/12/2014 57 Ken Infratech Ltd 17-12-2014 58 MVL Limited 19-12-2014 59 Ecogreen Realestate (India) Limited 26-12-2014 60 Sai Prakash Propertis Development Ltd 26/12/2014 61 Karmbhoomi Real Estate Ltd 30/12/2014 62 G.C.A. Marketing Private Limited 30/12/2014 63 Sai Prakash Organic Food Ltd. 06/01/2015 मिलती-जुलती ख़बरें-

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Cash for cattle unlocks Rs 25 lakh racket vault - Cops bust firm that duped villagers money promising them cow & double return...A Samruddha Jeevan case

Cash for cattle unlocks Rs 25 lakh racket vault
- Cops bust firm that duped villagers money promising them cow & double return

Patna, March 21: In the season of elections, cash for cattle is the new riddle for police.
The men-in-uniform today intercepted an SUV on the SP Verma Road and found a whopping Rs 24.67 lakh, which was accumulated by a firm from villagers promising them cattle in return.
One person, identified as Santosh Kaluram Paigude, a resident of Dhankauri village in Pune was arrested from the spot. The vehicle had a “press” sticker on it.
His arrest led to more investigations and the police finally arrested six persons from the office of the firm on Exhibition Road.
The police suspect that the money was to be channelled illegally for the upcoming elections.
Senior superintendent of police Manu Maharaaj said: “During interrogation, Paigude revealed that the money was that of a company called Samruddha Jeevan Multi-State Multi Purpose Co-operative Society Limited. The firm has its office on Exhibition Road.”
He added that the police had information that an SUV with loads of cash would ply towards Jamaal Road in Patna.
“Based on a tip off, a team was formed and the vehicle was intercepted on SP Verma Road. A bag containing the cash was found and the person inside the vehicle was taken into custody. He said he works for the company and it was the firm’s money,” Maharaaj said.
The police immediately followed the lead and raided the company’s office. They found five men and three women working.
“All of them were residents of Patna. When we started questioning them, the employees said they were running a scheme under which people living in districts were contacted and then requested to pay Rs 100 every month. With the money they would be given cattle of their choice. Could be a cow, a buffalo or a goat,” the SSP said.
The women employees revealed that in the past one year they had employed 25 agents, who would travel to the villages and promote the scheme. The agents would then collect Rs 100 from as many people they could lay their hands on promising them cattle.
The company had also promised that it would return double the money invested if cattle couldn’t be provided to the investors.
“None of the promises were fulfilled. None of the investors ever got cattle or the double money,” Maharaaj said.
He added that after they failed to provide cattle to anyone, the company was discreetly shutting shop.
“Paigude was running away with the accumulated cash,” he said.
When the police took him into custody, Paigude said he was a crime reporter and also flaunted a press identity card.
“But he broke down during the questioning. Since elections are round the corner, we suspect that the money was supposed to be used illegally. We have found that they had allegedly duped many in Patna, Muzaffarpur, Hajipur, Khagaria, Motihari, Sitamarhi, Chhapra, Ara, Katihar and Nawada,” the SSP said.

http://www.telegraphindia.com/1140322/jsp/bihar/story_18104642.jsp#.VeUbQfmqqko

SAMRUDDHA JEEVAN BLACKLISTED IN HARYANA ALSO.....READ THE FULL STORY....



सेबी ने 63 कंपनियों को किया ब्लैक लिस्ट, लिस्ट देखें यमुनानगर : पुलिस महानिरीक्षक करनाल मंडल हनीफ कुरेशी ने कहा कि देशभर में अलग-अलग नामों से कुछ ऐसी कंपनियां पंजीकृत हैं जो लोगों को विभिन्न तरह के आर्थिक प्रलोभन देकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प कर रही हैं। इस तरह की कंपनियों के खिलाफ पुलिस के अलावा अन्य जिम्मेदार संस्थाएं तत्परता से कार्रवाई कर रही हैं।  इसी कड़ी में भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड ने ऐसी 63 कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया है। आम जनता का भी इस तरह की कंपनियों के प्रति जागरूक रहना जरूरी है।  Source - http://www.jagran.com/haryana/yamunanagar-12427880.html पुलिस महानिरीक्षक ने बताया सन प्लांट एग्रो लिमिटेड, एनजीएचआइ, एमपीएस ग्रीनरी, नाइसर ग्रीन फोर्सेट लिमिटेड, श्रद्धा रिएलिटी इंडिया लिमिटेड, समंगल इडस्ट्रीज लिमिटेड, एचबीएन डायरिज लिमिटेड, साई प्रसाद फूड लिमिटेड, मैटरिया प्लांटर्स एंड स्ट्रक्चर लिमिटेड, स्मृद्ध जीवन फूड इंडिया लिमिटेड, सर्वहित हाउसिंग एंड इंफरास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड, ओरिएंट रिजोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीन रे इंटरनेशनल लिमिटेड, रोयल टविंक्ल स्टार क्लब लिमिटेड, पियर्स एलायड कोर्पोरेशन लिमिटेड, ग्रीन बड्स एग्रो फार्म लिमिटेड, मै. केबीसी इंडिया लिमिटेड, एडल लैंडमार्क लिमिटेड, जेएसआर डायरिज लिमिटेड, निखरा भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड, हलधर रियल्टी एंड इंटरप्रोजेज लिमिटेड, रोल वैली रियल इस्टेट एंड कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, शीतल लाईवस्टोक्स एंड फार्म प्राइवेट लिमिटेड, रामेल इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रीमेक रियल्टी इंडिया लिमिटेड, सनसाईन एग्रो गलोबल लिमिटेड, ऐली मल्टी ट्रेड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, साई प्रसाद कोर्पोरेशन लिमिटेड, नाईसर ग्रीन हाउसिंग एंड इन्फ्रास्टक्चर डेवेल्पर्स लिमिटेड, धनोल्टी डिवेल्पर्स इंडिया लिमिटेड, जेएसवी डेवेल्पर्स इंडिया लिमिटेड, एचएनसी इन्फ्रास्टक्चर एंड शेयर इंडिया लि., विश्वास रियल इस्टेट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड, आईएचआई डेवेल्पर्स इंडिया लिमिटेड, पीएसीएल, स्टैप अप मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, एसपीएनजे लैंड प्रोजैक्ट एंड डेवेल्पर्स इंडिया लिमिटेड, जीएन डायरिज लिमिटेड, शीन एग्रो एंड प्लांटेशन लिमिटेड, गरीमा रियल इस्टेट एंड एलाईड लिमिटेड, राघव कैपिटल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, श्री साई स्पेस क्रिएशन लिमिटेड, एराईज भूमि डेवल्पर्स लिमिटेड, साई मल्टी सर्विस, वी रियल्टी इंडिया लिमिटेड, किम इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड प्राइवेट लिमिटेड, केएमजे लैंड डेवेल्पर्स इंडिया लिमिटेड, काबुल रियल एस्टेट लिमिटेड, विजडम एग्रो टेक्निक इंडिया लिमिटेड, ब्लेसिंग एग्रो फार्म इंडिया लिमिटेड, स्काई लार्क लैंड डेवेल्पर्स लिमिटेड, किन इन्फ्रास्टक्चर लिमिटेड, एमवीएल लिमिटेड, इकोग्रीन रियल ईस्टेट इंडिया लिमिटेड, साई प्रकाश प्रोपर्टीज डेवेल्पर्स लिमिटेड, कर्मभूमि रियल एस्टेट लिमिटेड, जीसीए मार्केटिंग लिमिटेड, साई प्रकाश ओर्गेनिक फूड लिमिटेड आदि ऐसी कंपनियां हैं जिन्हें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने ेब्लैक लिस्ट किया है।  पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि कि आम आदमी किसी भी कंपनी में पैसों का निवेश करने से पूर्व उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह से जानकारी एकत्रित कर लें। उसके पश्चात ही पैसों का निवेश करे। उन्होंने कहा हालाकि पुलिस विभाग इस तरह के ठगों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई करता है परंतु यदि आम आदमी पहले ही जागरूकता पूर्वक पैसों का निवेश करे तो ऐसी हेराफेरी से बचा जा सकता है। पुलिस अधीक्षक अरूण सिंह ने कहा कि उक्त कंपनियों के झांसे में न आए और किसी भी कम्पनी में पैसा निवेश करने से पहले कम्पनी के बारे अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लें तभी अपना पैसा निवेश करे। Source - http://www.jagran.com/haryana/yamunanagar-12427880.html 

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Sunday, 30 August 2015

Nayapalli branch in orissa of samruddha jeevan raided by CBI latest story

लाइव इंडिया में कर्मचारियों की हड़ताल, एचआर ने दिया नोटिस

लाइव इंडिया में कर्मचारियों की हड़ताल, एचआर ने दिया नोटिस Written by Bhadas Desk
लाइव इंडिया[/B] चैनल में हालात दिन-ब-दिन बद से बदत्तर होते जा रहे हैं। सेलरी न बढ़ाये जाने का फरमान जारी कर दिया गया है। आलम अब ये हैं कि कर्मचारी हड़ताल करने की तैयारी कर रहे हैं। पहली हड़ताल ड्राइवरों ने कर दी हैं। इस हड़ताल की वजह से आज ओबी मुवमेंट नहीं हो सका। अंदर ही अंदर इस हड़ताल से लाइव इंडिया के दूसरे कर्मचारी, पत्रकार काफी खुश हैं। खुशी इस वजह से कि किसी ने तो पहला कदम उठाया। संपादकीय में आलम ये हैं कि जो लोग संपादक के करीबी माने जाते हैं, वही लोग मैनेजमेंट को अंदर की खबर देते हैं और अपने नंबर बढ़ाने का काम कर रहे हैं।


[B]लाइव इंडिया[/B] संस्थान अंदर से कितना बिखरा हुआ है और राजनीति किस चरम स्तर हैं इसका पता इस बात से चलता हैं कि चैनल के अदंर ही कर्मचारी एक दूसरे को मारने पर उतारू हैं। कुछ कर्मचारियों के एक दूसरे पर हाथ उठाने की नौबत के बाद HR को एक दिन में तीन नोटिस (देखिए नीचे) जारी करने पड़े। मैनेजमेंट दबाव बना रहा है कि चैनल के खिलाफ सीबीआई जांच को लेकर कोई बाहर कुछ न बोले। दबाव के माहौल का ये आलम ये है कि मैनेजमेंट धमकाने से भी बाज नहीं आ रहा है। अंदरखाने से खबर ये भी है कि एक महिलाकर्मी को पहले डराया गया उसके बाद उस पर गाज गिराने के लिए प्रमोशन देकर ट्रांसफर मुंबई कर दिया गया। बात तब भी नही बनी तो महिला को नौकरी से निकाल दिया गया। माइनोरिटी ग्रुप के नाम पर इस महिला के साथ टीका टिप्पणी की गई। कुछ प्रताड़ित कर्मचारी मैनेजमेंट से दो-दो हाथ करने के लिए लीगल ओपिनयन भी ले रहे हैं।

देखिए Live India HR के नोटिस –

[B]First Notice[/B]

Dear All,

This is for your kind information that, in future, if Management found any employee involving in indiscipline acts like clashing with superiors and subordinates, using filthy language and disturbing the working atmosphere or found indulging in any other similar activities which hampers the productivity of the organization, the company would initiate in disciplinary action against the employee which will result in Three (03) days salary deduction.

So, all the employees are advised to maintain the decorum for the smooth functioning of the company.

Regards

Human Resource Department


[B]Second Notice[/B]

Dear All

This is the final intimation to all the employees that if anybody is found gossiping or talking ill about the management, tampering the name of the company, discussing any sensitive information about the company in whatsoever manner within or outside the organisation, the management shall take irrevocable steps which shall be final and binding.

This is applicable to every individual at all levels.

Regards

Human Resource Department




[B]एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित।[/B]

Samruddha Jeevan के फर्जीवाड़े पर SEBI की रोक से संबंधित खबर PTI ने की जारी

Samruddha Jeevan के फर्जीवाड़े पर SEBI की रोक से संबंधित खबर PTI ने की जारी

मीडिया क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सक्रिय हो रहे 'समृद्ध जीवन' समूह की कंपनियों द्वारा जनता को लालच देकर बड़े पैमाने पर अवैश निवेश स्कीमों में पैसे लगवाने के प्रकरण में सेबी ने जो रोक का आदेश दिया है, उससे संबंधित खबर समाचार एजेंसी पीटीआई उर्फ प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया की तरफ से जारी की गई है.

ये अलग बात है कि इस खबर को कुछ एक अखबारों को छोड़कर किसी भी मीडिया ग्रुप ने एंटरटेन नहीं किया. ऐसी खबरें जो सीधे तौर पर जनता के हित से जुड़ी हैं और उनको लुटने से बचाने के लिए प्रकाशन की मांग करती हैं, उन्हें मीडिया हाउस जाने किस प्रलोभन में नहीं छापते, दिखाते. मराठी के कुछ अखबार, अंग्रेजी के कुछ अखबारों को छोड़ दें तो 'समृद्ध जीवन' के फर्जीवाड़े से संबंधित खबरों और सेबी द्वारा इस पर रोक लगाने के आदेश को सभी ने ब्लैकआउट किया. नीचे वो खबर दे रहे हैं जिसे पीटीआई ने रिलीज की है....

DEKHO DEKHO.....'लाइव इंडिया' पर चला हिंदी टीवी पत्रकारिता इतिहास का सबसे घटिया कंटेंट.

'लाइव इंडिया' पर चला हिंदी टीवी पत्रकारिता इतिहास का सबसे घटिया कंटेंट... एनके सिंह के पास कोई जवाब
Yashwant Singh :  आज तो हिंदी टीवी पत्रकारिता के इतिहास में ग़ज़ब का दिन शामिल हो गया. ब्राडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन (बीईए) के महासचिव और वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह के प्रधान संपादकत्व वाले न्यूज चैनल लाइव इंडिया में एक टुच्चे-से सगाई समारोह का लगातार लाइव टेलीकास्ट चला. पुणे के समृद्ध जीवन परिवार (एक चिटफंड कंपनी जिसने आम जन से भैंस-बकरी-घोड़ा-कुत्ता आदि पालकर पैसे डबल करने के नाम पर हजारों करोड़ रुपये उगाह रखे हैं) के मालिकों के किसी परिजन के सगाई समारोह को शाम से लेकर देर रात तक लाइव इंडिया न्यूज चैनल पर देश का सबसे बड़ा प्रोग्राम, सबसे बड़ी खबर की तरह पेश किया गया.

एक बारगी तो मुझे यकीन नहीं हुआ कि यह सब कुछ लाइव इंडिया न्यूज चैनल पर चल रहा है जहां एनके सिंह जैसे तर्कशास्त्री, सरोकारी और कंटेंट पक्षधर पत्रकार बैठे हुए हैं. प्रबल प्रताप सिंह जैसे पत्रकार इस चैनल को हेड कर रहे हैं. मुकेश कुमार अभी हाल में ही इस ग्रुप के लाइव इंडिया नामक मैग्जीन से जुड़े हैं. प्रदीप सिंह जैसे वरिष्ठ पत्रकार इस ग्रुप के लाइव इंडिया नामक अखबार के हिस्से बने हैं. इतने बड़े बड़े पत्रकारों में से किसी से क्या हम ये उम्मीद कर सकते हैं कि वे आगे आकर सफाई देंगे कि आखिर पत्रकारिता की किस कसौटी के तहत लाइव इंडिया न्यूज चैनल पर इसके चिटफंडिये मालिकों के एक बेटे की सगाई के समारोह को शाम से लेकर देर रात तक लाइव दिखाया गया? क्या यही पत्रकारिता और सरोकार है?



एक जमाना था जब मालिक लोग अपने अखबार या चैनल में खुद को दिखना-दिखाना पसंद नहीं करते थे क्योंकि उनका मानना-कहना था कि उनके एडिटर इन चीफ जिस कंटेंट को दिखाने लायक मानेंगे, पत्रकारिता की कसौटी पर खरा मानेंगे, उसी को वो छापेंगे-दिखाएंगे. पर लाइव इंडिया पर आज एक सगाई समारोह का भोंडा लाइव टेलीकास्ट देखकर सिर शर्म से झुक गया.

बीच-बीच में एंकर प्रकट होता था, ब्रेक लेता था, विज्ञापन दिखता था, फटाफट हेडलाइंस पढ़े जाने के बाद फिर वही भीड़, डांस, बाजा, शोर, समारोह का लाइव टेलीकास्ट शुरू... इन चिटफंडियों के पास पता नहीं अकल नामक चीज भी है या नहीं. काहें को ये अपनी इज्जत सरेबाजार नीलाम करा रहे हैं. न्यूज दिखाने के नाम पर चैनल का लाइसेंस लिया है और दिखा रहे हैं अपने घर की शादी. तो इससे अच्छा है भइया कि चैनल का नाम ही रख दो ''लाइव इंडिया मैरिज न्यूज चैनल'' ताकि हमारे आप जैसे लोग भी कुछ पैसे देकर अपने अपने घरों में होने वाले सगाई-शादी समारोह के लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था इस चैनल के संपादकों / प्रबंधकों से मिलकर करा सकें. जिस समृ्द्ध जीवन नामक चिटफंड कंपनी को बाजार नियामक सेबी ने जनता को धोखा देकर हजारों करोड़ रुपये गलत तरीके से उगाहने के मामले में नोटिस दे रखा हो और जांच के दायरे में हो, उसके मालिक अपने शान, शौकत, पैसे, उत्सव का ऐसा भोंडा प्रदर्शन करने-कराने में गर्व समझते हों तो इन्हें क्या कहा जाए.

ये लोग उसी महाराष्ट्र के हैं जहां हर साल हजारों किसान गरीबी, कर्ज, सूखे, सूदखोरी आदि के कारण आत्महत्या कर लेते हैं. एनके सिंह जैसे विचारवान और प्रखर पत्रकार के इस ग्रुप के मीडिया वेंचर का प्रधान संपादक होते हुए भी अगर इतना भोंडा, जन विरोधी, स्तरहीन कंटेंट इस न्यूज चैनल पर प्रसारित होता रहा तो इसे यही माना जाएगा कि आज के बाजारू दौर में धनवान मीडिया मालिकों की घटिया ज़िद के आगे किसी तेवरदार पत्रकार की एक नहीं चलती. एनके सिंह भले ही मंचों से कहते रहें कि मीडिया हाउसों को कार्पोरेट या धनवान लोग नहीं खरीद सकते लेकिन व्यवहार में यही दिख रहा है कि मीडिया हाउसों की औकात ये कार्पोरेट या धनवान लोग ही तय करते हैं और आज लाइव इंडिया के मालिकों ने लाइव इंडिया न्यूज चैनल की औकात दो कौड़ी की तय कर दी है.

एनके सिंह को जो अब करना, जो अब कहना है, करते रहें, कहते रहें लेकिन यह घटनाक्रम न सिर्फ हिंदी टीवी जर्नलिज्म के लिए बेहद खराब है बल्कि अभी तक हिंदी न्यूज चैनलों के इतिहास का सबसे स्तरहीन प्रजेंटेशन का दिन रहा. कम से कम कामेडी शो और भूत-पिशाच जैसे विषय इससे अच्छे थे जिनमें कुछ न कुछ पब्लिक इंट्रेस्ट या व्यूवरशिप जैसी चीज थी. पर एक घरेलू सगाई समारोह में क्या पब्लिक इंट्रेस्ट था, क्या जनपक्षधरता थी, क्या पत्रकारीय कंटेंट था, इसका जवाब तो लाइव इंडिया वाले यानि एनके सिंह, प्रबल प्रताप सिंह, प्रदीप सिंह, मुकेश कुमार आदि ही दे सकते हैं.

नीचे लाइव इंडिया मैरिज न्यूज चैनल पर सगाई समारोह के लाइव प्रसारण के कुछ लिंक दे रहा हूं... एक-एक कर सभी देखिएगा, पूरा देखिएगा और ध्यान से देखिएगा.. तभी आपको अंदाजा लगेगा कि आज जिन-जिन लोगों ने भी शाम से लेकर देर रात तक लाइव इंडिया न्यूज चैनल को देखा होगा उनके दिलो-दिमाग पर क्या गुजरी होगी... (कृपया इस पोस्ट को उन संपादकों तक भी पहुंचाएं, दिखाएं, शेयर करें जो धनपशुओं द्वारा संचालित मीडिया यानि कार्पोरेट मीडिया का यत्र, तत्र, सर्वत्र गुणगान करते नहीं थकते.)

FOR MORE INFORMATION PLEASE CLICK ON BELOW LINK.

http://www.old1.bhadas4media.com/print/17955-2014-02-19-18-06-23.html

[LINK=https://www.youtube.com/watch?v=ymNH7NdngoY]https://www.youtube.com/watch?v=ymNH7NdngoY[/LINK]

[LINK=https://www.youtube.com/watch?v=mgss9dgVlro]https://www.youtube.com/watch?v=mgss9dgVlro[/LINK]

[LINK=https://www.youtube.com/watch?v=9pbX3QMOo3k]https://www.youtube.com/watch?v=9pbX3QMOo3k[/LINK]

[LINK=https://www.youtube.com/watch?v=PtWkP-qiDnE]https://www.youtube.com/watch?v=PtWkP-qiDnE[/LINK]

[LINK=https://www.youtube.com/watch?v=lneLDhvUn8A]https://www.youtube.com/watch?v=lneLDhvUn8A[/LINK]

TAJA KHABAR...BREAKING NEWS....लाइव इंडिया' समूह की कंपनी 'समृद्धि जीवन' के फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच के आदेश

लाइव इंडिया' समूह की कंपनी 'समृद्धि जीवन' के फर्जीवाड़े की सीबीआई जांच के आदेश
मीडिया जगत की एक बड़ी खबर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने लाइव इंडिया चैनल, अखबार और मैग्जीन को संचालित करने वाली कंपनी समृद्धि जीवन के काले कारनामों की सीबीआई से जांच कराने के आदेश दे दिया है. इस आदेश के बाद लाइव इंडिया मीडिया समूह और समृद्धि जीवन कंपनी में शीर्ष स्तर के पदाधिकारियों में हड़कंप है. ज्ञात हो कि ये वही समृद्धि जीवन समूह नामक कंपनी है जिसके मालिकों ने अपने लाइव इंडिया न्यूज चैनल पर अपने घर के शादी-बारात के आयोजन का लाइव टेलीकास्ट लगातार कराया था. इसको लेकर जब सवाल और बवाल हुआ तो चैनल के तत्कालीन एडिटर इन चीफ एनके सिंह ने अपनी टीम के साथ इस्तीफा दे दिया था.

उन दिनों एनके सिंह ने भी प्रबंधन से कहा था कि वह घटिया हरकत न करे और शादी ब्याह के निजी कार्यक्रम को न्यूज चैनल पर लाइव प्रसारण न करे. पर जनता को भरमा कर ठग कर चिटफंड के जरिए उगाहे गए हजारों करोड़ रुपये की गर्मी से गरम प्रबंधन की सेहत पर कोई फरक नहीं पड़ा. अंततः जब एनके सिंह और उनकी टीम ने इस्तीफा दे दिया तो पुणे स्थित समृद्ध जीवन कंपनी ने अपने पुराने संपादक सतीश के. सिंह को याद किया. कई चैनलों में कुछ कुछ दिनों तक वक्त काटने के बाद पैदल होते रहने वाले सतीश के. सिंह ने भी मौके की नजाकत और मार्केट की हालत को समझते हुए लाइव इंडिया में तत्काल एडिटर इन चीफ के रूप में पद संभाल लिया. सूत्रों का कहना है कि समृद्धि जीवन के मालिकों ने सतीश के. सिंह को क्राइसिस मैनेजमेंट के काम में लगा दिया है. देखना है कि लाइव इंडिया चैनल चलाने वाले समृद्धि जीवन नामक चिटफंडियों को सुप्रीम कोर्ट व सीबीआई के डंडे से कोई राहत दिला पाता है या नहीं. माना जा रहा है कि यह ग्रुप देर सबेर भरभरा कर गिर जाएगा और इसके मीडिया उपक्रमों पर भी ताला लग जाएगा.

प्रकरण कुछ यूं है कि सुप्रीम कोर्ट में आलोक जेना ने शारदा चिटफंड केस में जो पीआईएल फाइल कर रखा है उसकी अंतिम सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि वह चिटफंड और आर्थिक अपराध से जुड़ी 44 कंपनियों को भी जांच के दायरे में ले आए और फास्ट ट्रैक मैनर से इनवेस्टीगेट करे. इन 44 कंपनियों में समृद्धि जीवन ग्रुप की दो बड़ी कंपनियां शामिल हैं. इनके नाम हैं.. [B]M/S Samruddha Jeevan Multi State Multipurpose Cooperative Society Limited [/B]और [B]Samruddha Jeevan Foods India Pvt. Limited[/B].

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है-

''In view of inter state ramifications, involvement of higher ups including politicians and aspects of money laundering, a CBI probe is necessary. Moreover  It's not as if the state police has not done a good job of filing chargesheet. To inspire confidence in the investors, we're handing over the probe to the CBI. All cases registered in West Bengal, Assam, Tripura and Odissa to be handed over to the CBI. This will not impact the commission of enquiry set up by the state govt. The money trail needs to be traced, the conspiracy angle needs to be probed properly. Not much headway has been made so far. Moreover court also order the probe of cbi in matter related to the chit fund companis of orissa.''

Court oder CBI to Investigate the Whole Matter and club the Whole Matter And investigate in Fast Track Manner.... In its last and final hearing in the PIL filed by Alok Jena, the apex court bench insisted on the addition of seven companies,  suggested by the petitioner, to the list of 37 companies that the state government was willing to be These seven companies suggested by the petitioner include Seashore and Artha Tatwa- chit fund companies which are currently being  probed by the Crime Branch. The court had dismissed the contention of the senior counsel for Odisha government Gopal Subramaniam that  investigation of these seven companies need not be handed over to the CBI because the state Crime Branch was already conducting a thorough probe on them.

Here is the full list of companies that would come under the CBI scanner as soon as the court passes a formal order in the case : [B]M/S Samruddha Jeevan Multi State Multipurpose Cooperative Society Limited, Samruddha Jeevan Foods India Pvt. Limited[/B], M/S Sai P, M/S sai Prakash Finance Advisory Service Pvt. Limited, M/S Sai Prakash Properties Development Limited, M/S Shine India Group of Companies, Artha Tatwa Group, Adarsha Groups, Seashore, ABC Indya, Safex India Pvt. Ltd., Swastik India Multi State Credit Co-Operative, Nabadiganta Capital Service Limited, M/S Saradha Groups of Companies, M/S Golden Land Developres Groups of Companies, M/S S.R. Green House Limited, M/S Essore Developers, M/S Tower Infotech Limited, M/S Zodiac Foundation Companies, M/S Real Tulip India Limited, M/S Remac Reality India Limited, M/S Midas Touch Group of Companies, M/S Ramel Industries Limited, M/S Prayag Groups of Companies, M/S Rose Valley Group of Companies, M/S Silicon Preject India Limited, M/S Asha Agro Ecomotors Industries Limited, M/S Akhaya Gold Farms & Villas India Limited, M/S Astha International Limited, M/S Nirmal Infra Home Corporation Limited, M/S Mangaldeep Land Promoters Limited, M/S Infinity Realcon Pvt. Limited, M/S Surha Sun Marg Micro Finance Limited, M/S Rightmax Technotrade International Limited, M/S Sastra Enterprise Limited, M/S Micro Finance Pvt. Limited, M/S Real Foundation Company, M/S Green ray Group of Companies, M/S Real Alliance Estates Pvt. Limited, M/S Wetell Cap Solutions Pvt Limited, M/S Jana Mangala Agro Care Company, M/S Green India Infra Projects Limited, M/S Mangnum Group, M/S I-Care E Service Limited.

BJP LEADER KIRIT SOMIYA INTERVIEW ON FRAUD CHIT FUND COMPANIES....




Thursday, 27 August 2015

SUNO....SUNO....2 OFFICIALS OF SAMRUDDHA JEEVAN IS DETAINED....

2 officials of co-op society detained


BHUBANESWAR: Balangir police on Thursday detained two senior officials of a credit cooperative society, suspecting their involvement in a fake currency racket.

Police said 57 counterfeit currency notes of Rs 500 denomination were found from cashier of the multi-state multi-purpose credit cooperative society, Samruddha Jeevan.

The fake notes were detected by an employee of a State Bank of India branch where the employee went to deposit the amount.

"The agent had gone to deposit Rs 49,110 to the bank. Rs 28,500 of the Rs 500 denomination were found to be fake," said Tareq Ahmed, IIC town police station.

Ahmed said the cashier and branch manager of the cooperative society were detained. Police suspect a fake currency rancket, involving the society officials. "We are questioning the officials and probing the trail of the fake money. Prima facie it appears the officials may be involved in circulating the fake amount," Ahmed said.

The society is involved in raising crores of money from investors in the locality.

A fake currency racket was busted in adjoining Bargarh district busting in February. A police team had seized fake notes in Rs 500 and Rs 1000 denominations from a computer centre at Barpali township....for more info please hit the below link.

Wednesday, 26 August 2015

PUNJAB GOVT WARNS...ILLEGAL CHIT FUND SOCIETIES FOR COLLECTING CRORES FROM INNOCENT PEOPLE


NEWS ON FIRE...UTTARAKHAND MATTER....DAINIK HINDUSTAN


MAHA GOTALE BAAZ.....BY DAILY NEWS PAPER MUMBAI MITRA....


Chit fund companies still active in Odisha, RBI alerts state govt

Chit fund companies still active in Odisha, RBI alerts state govt

Odisha Sun Times Bureau
Bhubaneswar, June 3:2015
The Reserve Bank of India (RBI) has issued fresh alerts to the Odisha government on chit fund companies still operating illegally both inside and outside the state.
Chit fund
On May 30, the RBI held a high-level meeting with senior Crime Branch and Finance department officers and asked the investigating agency to keep an eye on the companies still active while sharing information with them.
Sources privy to the meeting said that chit fund companies were still luring investors with lucrative returns on their deposits after shifting offices to other states and/or changing their names. In revelation that should set the alarm bells ringing all over again, RBI told the state government delegation that more than 50 chit fund companies were still operating in their state.
The RBI had first alerted the Crime Branch in this regard on January 27 this year. The central bank had alerted the Crime Branch that Micro Finance Credit Cooperative Society, Samruddha Jeevan Multi-state Multipurpose Cooperative Society, PICL Multi-state Credit Cooperative Society and Sahara Credit Cooperative Society were collecting deposits from the public.
On March 7, the RBI again alerted the Crime Branch that chit fund companies like Artha Tatwa Group, Micro Finance, Swastik India, Samruddha Jeevan etc. were still operating in Odisha.
Following the alert, a toll-free number 18003457103 was set up by the Crime Branch to receive complaints about Ponzi firms operating in different parts of the state daily. The Crime branch has received more than 5,000 phone calls on this number. Using this informaton. it has arrested more than 10 chiefs of chit fund companies. Prominent among them are Land India, Oscar, Vista and Shribhumi.
A senior official of the Crime Branch revealed that such meetings are held every three months and officials of different departments take part in it. He said the claim that Artha Tatwa Group, Micro Finance, Swastik India, Samruddha India and the like are operating in Odisha was not correct.
“RBI received complaints of illegal money circulation business by some companies, whose headquarters are outside Odisha. We are keeping an eye on those companies. Action will be taken against them if we receive any complaint,” said ADG (CB) B K Sharma. The RBI and CB would launch awareness campaigns against such companies, he added

घोटालो की जांच के लिए एसआइटी की टीम गठित हुई

घोटालो की जांच के लिए एसआइटी की टीम गठित हुई

Written by Chanchal Bhandari
लगातार हो रहे चिटफंड घोटालो के मामले की जांच के लिए एसआइटी टीम का गठन किया गया है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया है कि यह टीम 44 कंपनियों पर चल रहे 207 मामलो की जांच करेगी। आपको बता दे कि चिटफंड घोटाले की जांच सुप्रीमकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी है।
सुप्रीमकोर्ट द्वारा जांच के निर्देश मिलने के बाद सीबीआई ने एक एसआइटी टीम का गठन किया है।
 कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई 44 कंपनियों पर चल रहे 207 मामलों की जांच के लिए ओडि़शाआएगी। चिटफंड घोटाले की जांच के लिए पुलिस और क्राइम ब्रांच की तरफ से जोरदार तैयारी चल रही है। अब तक Odisha Elective Investment स्कीम द्वारा चिटफंड संस्थाओं ने लगभग 40 लाख परिवारों से 4565 करोड़ रुपए ठग लिए हैं।
 इस चिटफंड घोटाले में करीब 163 कंपनियाँ शामिल हैं, जिसमें से 44 कंपनियों ने करीब 3000 करोड़ रुपए लूट लिए हैं।एसआइटी टीम द्वारा जाँच की जाने वाली कंपनियो की सूची मे नीचे दी गई कंपनीयाँ शामिल है।
1. Artha Tatwa Group 
2. Adarsha Group
3. Seashore
4. ABC Indya
5. Safex India Pvt. Ltd
6. Swastik India Multi State Credit Co-Operative
7. Nabadiganta Capital Service Limited
8. M/S Saradha Groups of Companies
9. M/S Golden Land Developres Groups of Companies
10. M/S S.R. Green House Limited
11. M/S Essore Developers
12. M/S Tower Infotech Limited
13. M/S Zodiac Foundation Companies
14. M/S Real Tulip India Limited
15. M/S Remac Reality India Limited
16. M/S Midas Touch Group of Companies
17. M/S Ramel Industries Limited
18. M/S Prayag Groups of Companies
19. M/S Rose Valley Group of Companies
20. M/S Silicon Preject India Limited
21. M/S Asha Agro Ecomotors Industries Limited
22. M/S Akhaya Gold Farms & Villas India Limited
23. M/S Astha International Limited
24. M/S Nirmal Infra Home Corporation Limited
25. M/S Mangaldeep Land Promoters Limited
26. M/S Infinity Realcon Pvt. Limited
27. M/S Surha Sun Marg Micro Finance Limited
28. Samruddha Jeevan Foods India Pvt. Limited
29. M/S Rightmax Technotrade International Limited
30. M/S sai Prakash Finance Advisory Service Pvt. Limited
31. M/S Sai Prakash Properties Development Limited
32. M/S Sastra Enterprise Limited
33. M/S Shine India Group of Companies
34. M/S Samruddha Jeevan Multi State, Multipurpose Cooperative Society Limited
35. M/S Micro Finance Pvt. Limited
36. M/S Real Foundation Company
37. M/S Green ray Group of Companies
38. M/S Real Alliance Estates Pvt. Limited
39. M/S Wetell Cap Solutions Pvt Limited
40. M/S Jana Mangala Agro Care Company
41. M/S Green India Infra Projects Limited
42. M/S Mangnum Group
43. M/S I-Care E Service Limited
44. M/S Sai Prasad Group of Companies
इसके अलावा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने अबतक 431 मामले दर्ज कर 640 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
जांच टीम ने सरकार से 10 कंपनियों की संपति जब्त करने की सिफारिश की है। जिनमे सीसोरएटी ग्रुप, आस्था इंटरनेशनल, ग्रीन, शस्त्र, साफेक्स और फ्लोरिश इंडिया जैसी जानमानी कंपनीयाँ शामिल है।

BREAKING NEWS.....RBI campaigns against fake co-ops in Odisha

RBI campaigns against fake co-ops in Odisha

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Odisha has become a den of fly by-night chit fund companies operating illegally in the state. The RBI has alerted the crime branch to keep tabs on them. The apex bank has been receiving complaints of large scale illegal money transactions carried out by these entities headquartered outside Odisha.
Meanwhile, the RBI has decided to begin awareness campaigns against these companies in conjunction with the crime branch of the state, a news outlet reports.
Sources say what defies explanation is these companies are indulging in their illegal activities with impunity despite the ongoing CBI investigation and a massive public anger over their activities.
The CBI is already probing illegal activities of about 50 multi-state credit cooperative societies including Artha Tatwa Group, Swastik India, Micro Finance, Samruddha Jeevan. These societies have been taking deposits from the public without permission to do so.
RBI sources say the societies are entitled to provide loans to people, but not authorized to collect deposits by luring people with high interest rates.