Tuesday 1 September 2015

भैंस- बकरी के नाम पर भी कंपनियों ने लगाया लाखों निवेशकों को चूना

भैंस- बकरी के नाम पर भी कंपनियों ने लगाया लाखों निवेशकों को चूना भोपाल। चार कुर्सी, दो मेज़ और तबेले में आफिस| ये हाल है मध्य प्रदेश में चलने वाली कुछ चिट फंड कंपनियों के आफिसो का जो लोगो को बेहतर भविष्य के सपने और उनकी खुद की छत देने का वादा करती हैं| ये फर्जी चिट फंड कम्पनियां कब अपना बोरिया बिस्तर समेट कर फरार हो जाएँ, ये उन कंपनियों में इन्वेस्ट करने वाले लोगों को पता नहीं होता।  मध्य प्रदेश में काम कर रही बहुत सारी फर्जी चिट फंड कंपनियों की शाखाओं का तो पता नहीं लेकिन इन कंपनियों ने अपना मुख्यालय पुणे, भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में बना रखा है। हालात ये है कि कभी दूध का व्यवसाय करने वाले आज आलीशान वातानुकूलित कार्यालयों में बैठकर लोगो की जेबों से कैसे पैसे निकालने हैं, उसकी नई नई तरकीबें सोचा करते है।  समृद्धा जीवन फूड्स लिमिटेड, सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड नामक कंपनिया छोटे छोटे व्यवसाय करके अपना काम किया करती थी लेकिन फर्जी चिट फंड कंपनी खोलकर जब इन्होने छोटे व्यवासाइयों को अपने पशुओ और व्यवसाय को बढ़ावा देने का लालच दिया तो करीब आधा दर्जन राज्यों के पशु व्यवसाई और कम लागत लगाकर ज्यादा पाने की चाहत रखने वाले आम आदमियों ने अपनी जमा पूंजी भी गंवा दी।  समृद्धा जीवन फूड्स लिमिटेड नामक कंपनी चिट फंड में आने से पहले खुद डेयरी व्यवसाय का काम करती थी| गुरुकृपा डेयरी के नाम से काम करने वाली इस कंपनी ने 29 अप्रैल 2002 को सक्षम डेयरी इंडिया लिमिटेड के नाम से पुणे के कंपनी रजिस्ट्रार के आफिस से रजिस्ट्रेशन कराकर चिट फंड की दुनिया में कदम रखा और बीते 10 सालों में इसने करीब अरबों का व्यवसाय कर डाला| आज इस कंपनी के पास करीब 35 हज़ार कस्टमर है जिनके पैसे डूबने के कगार पर है।  समृद्धा जीवन फूड्स लिमिटेड प्राइवेट लिमिटेड के व्यवसाय का तरीका और कंपनियों से काफी अलग है। इस कंपनी के पास अपने करीब 30 हज़ार भैसे हैं, साथ ही 1 हज़ार बकरियां जिन पर कंपनी ने बाकायदा स्कीम निकाल कर लोगो से पैसे जमा कराये। कंपनी आम लोगो के बीच अपने फार्म हाउसेज में पाली गई भैंसों और बकरियों को किलो के हिसाब से लोगो के नाम कर देती थी|  स्कीम के तहत एक कांट्रेक्ट पेपर साइन किया जाता था जिसमें इन्वेस्टर हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा कराता था, समय पूरा होने पर या तो इन्वेस्टर अपनी भैंस या बकरी को कंपनी से ले ले या फिर अपने द्वारा जमा किये गए पैसे को वापस मय ब्याज ले ले। इस कांट्रेक्ट का एक निश्चित समय निर्धारित था लेकिन इस अवधि के बीच दुधारू भैंस का दूध कंपनी खुद बेचकर मुनाफ़ा कमाती रहती थी। कंपनी ने अपनी इस स्कीम के तहत एक एक दुधारू भैंस और बकरियों को कई-कई इन्वेस्टर को कांट्रेक्ट के मुताबिक एलाट किया।  इसी प्रकार सक्षम डेयरी लिमिटेड ने भी 21 दिसंबर 2000 को हरियाणा और दिल्ली में काम करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक की बगैर अनुमति के आम जनता से धन उगाही में जुटी गैर बैंकिंग कंपनियों तथा सक्षम कार्यालय में बगैर पंजीयन के रियल स्टेट के कारोबार के नाम से आम जनता से धन बटोर रही इन कंपनियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने पूर्व में भी सख्त कार्रवाई करते हुए पुलिस में प्रकरण दर्ज कराए थे।  ज्ञात हो कि अवैध तरीके से जनता का धन स्वीकार कर रही कंपनियों के खिलाफ कलेक्टर द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा मध्यप्रदेश निपेक्षकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के प्रावधानों के तहत पुलिस को सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी गई थी। ये कम्पनियां रिजर्व बैंक आफ इंडिया की अनुमति के बिना धन उगाही का काम कर रही थी| आज इन कंपनियों के मालिक करोड़ों में खेल रहे हैं, साथ ही निवेशक परेशान है। मिलती-जुलती ख़बरें-

Read More on: http://www.mlmharkhabar.com/2013/05/chit-fund-fraud-on-buffalo-and-goats.html
Copyright © MLM HarKhabar 2013 - Like us on facebook for daily updates https://www.facebook.com/myMLM.harkhabar

No comments:

Post a Comment